गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक और मुकदमे में भी 10 वर्ष कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मुख्तार को अब तक कुल छठी और गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में चौथी बार सजा सुनाई गई है।
गैंगस्टर एक्ट में यह तीसरी बार है जब उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने माफिया के गुर्गे सोनू यादव को भी पांच साल कारावास और दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
साल 2010 में दर्ज हुआ था मुकदमा
19 अप्रैल 2009 को करंडा के सुआपुर निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और 24 नवंबर 2009 को मुहम्मदाबाद के मीर हसन की हत्या के प्रयास को गैंगचार्ट में शामिल करते हुए दो जून 2010 को मुख्तार अंसारी व सोनू यादव के खिलाफ करंडा थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए हाजिर हुआ था मुख्तार
मुख्तार के वकील लियाकत अली ने कहा कि फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। सजा सुनाए जाने के वक्त बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से और सोनू यादव स्वयं उपस्थित था। मुख्तार ने हाथ जोड़कर उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि उसका इस मामले से सरोकार नहीं है। वह तो 2005 से जेल में बंद हैं। उसने कम से कम सजा देने की विनती की।
दो जून 2010 को मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की सुनवाई पहले हाई कोर्ट में चल रही थी। मार्च 2022 में हाई कोर्ट से मुकदमा ट्रांसफर होकर जनपद के एमएपी-एमएलए कोर्ट में आया। कुल 135 तारीखों की सुनवाई के बाद गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार और सोनू यादव को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान की गई ये अपील
अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद मिश्रा शुक्रवार की दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हाल में पहुंचे और 15 मिनट तक अभियोजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव और मुख्तार के वकील लियाकत अली की दलीलों को सुना। नीरज ने कहा कि मुख्तार अंसारी को अब तक पांच मामलों में सजा हो चुकी है और उसे अधिक से अधिक सजा सुनाई जाए। वहीं मुख्तार के वकील लियाकत अली ने अधिक उम्र व कई बीमारियों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने का अनुरोध किया।
गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी हुए सिद्ध
इसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश यह कहकर अपने चैंबर में चले गए कि तीन बजे फैसला सुनाया जाएगा। वह तीन बजे दोबारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हाल में पहुंचे और करीब 3:35 बजे मुख्तार को सजा सुनाई। उन्होंने मुख्तार से कहा कि आप पर गैंगस्टर एक्ट के तहत दोष सिद्ध हो चुका है। क्या कहना चाहते हैं? मुख्तार ने हाथ जोड़कर विनती की कि उसे कम से कम सजा सुनाई जाए, मगर कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट की अधिकतम 10 वर्ष की सजा उसे दी।
क्या है गैंगस्टर एक्ट
1986 में गैंगस्टर एक्ट बना था। सरकार ने 2016 में इसे संशोधित किया। इसके अनुसार उस समय तक गवाहों के पक्षद्रोही होने या भय से गवाहों के अपनी गवाही से मुकर जाने के कारण अभियुक्त बरी हो जाते थे। गैंगस्टर का प्रविधान इसलिए लाया गया कि यदि अभियोजन पक्ष यह सिद्ध कर सके कि गवाह अभियुक्त और उसके गैंग के भय से पक्षद्रोही हुआ है या अपनी गवाही से मुकर गया है तो भी अपराधी को सजा दी जा सके। मुख्तार कई गैंग बनाकर कई जनपदों में हत्या, लूट व हत्या के प्रयास जैसी वारदातें कर चुका है और इस कारण इसी एक्ट के तहत उसे सजा सुनाई गई है।
मुख्तार अंसारी को इन मामलों में मिली है सजा
1- अवधेश राय हत्याकांड में पांच जून 2023 को उम्रकैद
2- कृष्णानंद राय हत्याकांड और नंदकिशोर रूंगटा अपहरण कांड में लगाए गए गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट से 29 अप्रैल 2023 को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और पांच लाख रुपये अर्थदंड
3- 1996 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को 10 वर्ष के कारावास और पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया
4- सरकारी कर्मचारी को काम से रोकने व धमकाने में हाई कोर्ट ने 21 सितंबर 2022 को सजा सुनाई। आलमबाग लखनऊ में दर्ज केस की धारा 353 में दो साल की कैद व 10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 504 में दो साल की कैद व दो हजार अर्थदंड और धारा 506 में सात साल की कैद व 25 हजार रुपये अर्थदंड
5- लखनऊ के हजरतगंज में दर्ज गैंगस्टर एक्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 23 सितंबर 2022 को दो साल की कैद 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया
मुख्तार, मुकदमे और सजा
65 मुकदमे दर्ज हैं अंतरराज्यीय गिरोह चलाने वाले मुख्तार अंसारी पर
06 मुकदमों में कोर्ट ने अब तक मुख्तार को सुनाई है सजा
14 अक्टूबर 1997 को रजिस्टर्ड हुआ था गाजीपुर में मुख्तार अंसारी का गिरोह