नई दिल्ली। अपने खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है। उन्हें एथिक्स कमेटी ने 31 अक्टूबर को तलब किया था।
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘मैं 4 नवंबर को अपने पूर्व-निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र के कार्यक्रमों के समाप्त होने के तुरंत बाद (संसद की आचार समिति के समक्ष) पेश होने के लिए उत्सुक हूं।’ उन्होंने इसके पीछे भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी का हवाला दिया, जिन्हें चुनाव प्रचार में व्यस्त होने की वजह से पेश होने के लिए और समय दिया गया था।
एथिक्स कमेटी के सामने 31 अक्टूबर को क्यों पेश नहीं होंगी मोइत्रा?
शुक्रवार को महुआ मोइत्रा ने इंटरनेट मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि चेयरमैन, एथिक्स कमेटी ने लाइव टीवी पर मुझे 31/10 को समन किए जाने की घोषणा की है। वहीं मुझे आधिकारिक पत्र रात 19:20 बजे ईमेल पर प्राप्त हुआ। सभी शिकायतें एवं स्व मोटो शपथपत्र भी मीडिया के लिए जारी किया गया। मैं गवाही देने के लिए उत्सुक हूं, लेकिन मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में चार नवंबर तक व्यस्त हूं। इसीलिए उपस्थिति संभव नहीं है।
एथिक्स कमेटी ने दर्ज किए भाजपा सांसद के बयान
बता दें, एथिक्स कमेटी ने 26 अक्टूबर को कैश फॉर क्वेरी मामले में वकील जय अनंत देहाद्राई और भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किए थे। इस दौरान दुबे ने समिति से कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट मामला है और महुआ मोइत्रा को तत्काल सांसद के पद से अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। कमेटी ने दुबे से भी सवाल किया कि वो मोइत्रा पर कहीं इसलिए तो आरोप नहीं लगा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने उन पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया था।
महुआ मोइत्रा पर क्या आरोप है?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे और गिफ्ट के बदले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के हितों से जुड़े सवाल संसद में पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि महुआ ने अब तक सदन में 61 सवाल पूछे हैं, जिसमें से 50 उद्योगपति के कारोबार से जुड़ा था। दर्शन हीरानंदानी ने भी हलफनामा प्रस्तुत कर अपने लाभ के लिए महुआ मोइत्रा को रिश्वत देने की बात स्वीकार की है।