चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने किसानों को उपज की लाभकारी कीमत और लोगों को किफायती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति के लिए देश के भीतर अंतरराज्यी यव्यापार को और बढ़ावा देने की वकालत की है। विभिन्न राज्यों के मंडी बोर्ड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को सामान खरीदने और बेचने के लिए एक साझा मंच बनाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
समाज के हर वर्ग को मिले लाभ
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा करना समय की मांग है। मान ने कहा कि इससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की उपलब्धता और किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा। भगवंत मान ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस कवायद से समाज के हर वर्ग को लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि अब जब पूरी दुनिया एक मंडी के रूप में उभरी है, ऐसे में राज्यों के बीच अनावश्यक बाधाएं दूर होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्म टू फोर्क (खेत से उपभोक्ता तक) अवधारणा को अपनाने और सभी राज्यों में सामान की उपलब्धता से उपभोक्ताओं और किसानों को काफी फायदा होगा।
किसानों को मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि खेती की लागत लगातार बढ़ती जा रही है और मुनाफा कम होने के कारण खेती अब लाभ का व्यवसाय नहीं रह गई है। अगर उत्पाद की मार्केटिंग के लिए एक साझा मंच का विचार विकसित किया जाए तो इससे किसानों को काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडलों को लोक कल्याण के लिए राज्य द्वारा ग्रामीण विकास निधि के सफल उपयोग के बारे में भी जानकारी दी।
हालांकि उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि केंद्र सरकार के पास पंजाब की 5637.4 करोड़ रुपये की आरडीएफ की राशि बकाया है। मान ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद केंद्र सरकार यह फंड जारी नहीं कर रही है, जो पंजाब के साथ पूरी तरह से अन्याय है। बैठक में पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह, गोवा मंडी बोर्ड के चेयरमैन प्रकाश चंद्र वेलिप, हरियाणा मंडी बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला, उत्तराखंड मंडी बोर्ड के एमडी आशीष व अन्य मौजूद थे।