चित्रकूट जनपद में हुआ पहला नेत्रदान,नेत्रदान से दो लोगो को मिलेंगी नई जिंदगी
चित्रकूट। जिले में एक सराहनीय पहल देखने को मिली है जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए सबक का विषय है। लोग रक्तदान कर तो दूसरों को जिंदगी देते है जो अब यह आम बात है।अगर कोई अंग दान कर किसी को नई जिंदगी दे तो शायद इससे बड़ा कोई परोपकार नही हो सकता है।
जिले में एक ऐसा ही ही वाक्या देखने को को मिला। बांदा चित्रकूट कापरेटिव बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल कल अपनी माता जी के मरणोपरांत नेत्रदान जैसा महादान करके चित्रकूट जनपद में एक नई पहल करके समाज को जगाने का काम किया। उन्होंने बताया कि मेरी माता जी स्वाभाव से ही परोपकारी थीं दान पुण्य में हमेशा आगे रहती थी इसलिए मेरे और मेरे सारे परिवार की इच्छा थी कि हम लोग अपनी मां को तो जिंदा नही कर सकते पर नेत्रदान करके उनकी आंखों को जिंदा रख सकते है और हमारी माता जी की आंखों से दो परिवार इस दुनिया को देख सकते है इससे बड़ा क्या पुण्य होगा। इसलिए उनकी मृत्यु के पश्चात हमने सदगुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट को सूचना दी कि हमे अपनी माता जी का नेत्रदान कराना है।सूचना के मिलते ही तत्काल चिकित्सीय टीम घर पहंची और नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण किया। वही सदगुरू नेत्र चिकित्सालय टीम ने बताया कि इस नेत्रदान से दो लोगों को नई रोशनी मिलेगी। जनपद चित्रकूट से पहला यह वाक्या है कि किसी ने अपनी मरणोपरांत अपनी माता जी का नेत्रदान कराया है।पंकज अग्रवाल और उनके परिवार द्वारा की गई इस सराहनीय पहल से जहां आमजनमानस के बीच एक मानवता भरा संदेश गया है।वहीं इस पुनीत कार्य से जनपदवासी भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे है । ये सदगुरू नेत्र ज्योति परिवार चित्रकूट धाम कर्वी के माध्यम से पहला नेत्रदान हुआ।