नई दिल्ली। चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने के लिए न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक के चीनी कंपनियों के जरिये करोड़ों रुपये का फंड लेने के मामले में बड़ी साजिश सामने आई है। पुलिस एफआइआर के मुताबिक, देश की संप्रभुता व अखंडता को बाधित करने के लिए न्यूजक्लिक ने चीनी कंपनियों के जरिये करोड़ों रुपये की राशि प्राप्त की। यह पैसा कई चीनी मोबाइल निर्माता कंपनियों और इनसे जुड़ी फर्जी कंपनियों के जरिये न्यूजक्लिक तक पहुंचा। भारत के खिलाफ चीन की साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का भी हाथ होने की बात सामने आ रही है।
न्यूजक्लिक के खिलाफ यूएपीए समेत कई धाराओं में केस दर्ज
बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक के कार्यालय और उससे जुड़े पत्रकारों के यहां मंगलवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया है, जबकि वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा समेत अन्य कई लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस ने बीते 17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ यूएपीए और आइपीसी की धारा 153ए (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
न्यूजक्लिक को विदेशी फंड
एफआइआर के मुताबिक, पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अप्रैल 2018 से अमेरिका स्थित वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स एलएलसी से अवैध तरीके से करोड़ों रुपये मिले। प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी न्यूजक्लिक के शेयरधारक हैं। पुलिस ने कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सदस्य नेविल राय सिंघम ने वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स्स समेत कई संस्थाओं के जरिये न्यूजक्लिक को विदेशी फंड उपलब्ध कराया। जांच में पता चला कि न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक सदस्य गौतम नवलखा भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। वह आइएसआइ के एजेंट गुलाम नबी फाई के संपर्क में रहे। वह प्रबीर पुरकायस्थ से तब से जुड़े हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था।
अरुणाचल और कश्मीर को भारत के नक्शे में नहीं दिखाने पर चर्चा
एफआइआर में कहा गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल राय सिंघम और उनके स्वामित्व वाली शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों के बीच चली ईमेल का विश्लेषण करने से पता चला कि आरोपित भारत की एकता व अखंडता को कमजोर करने के लिए साजिश रचते थे। इस मंशा से उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ की गई, ताकि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत के बाहर दिखाया जा सके। दोनों को विवादित क्षेत्र बताने के लिए वैश्विक और घरेलू स्तर पर बड़ी साजिश रची गई। इस कार्य के लिए आरोपितों ने पांच वर्षों में 116 करोड़ रुपये से ज्यादा लिए थे। कोरोना महामारी के दौरान देश को बदनाम करने की कोशिश हुई। अवैध विदेशी फंडिंग के जरिए किसान आंदोलन को लंबा खींचकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने की साजिश भी रची गई थी। पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ‘पीपुल्स अलायंस फार डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म’ के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की थी।
इन्हें दिया गया पैसा
पुलिस ने कहा कि अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड को प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई), बप्पादित्य सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा निकाल लिया गया है। ये पैसा तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर, अभिसार शर्मा आदि दिया गया था।
कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब
हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई। न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की अंतरिम रिहाई की मांग वाले आवेदनों पर भी पुलिस से जवाब मांगा। पीठ नौ अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
आठ लोगों से दूसरी बार हुई पूछताछ
न्यूजक्लिक मामले में स्पेशल सेल ने शुक्रवार को कम से कम आठ पत्रकारों और दो अन्य लोगों से एक सप्ताह में दूसरी बार पूछताछ की। इन लोगों को दोपहर में स्पेशल सेल कार्यालय में बुलाया गया और देर शाम तक पूछताछ की गई। सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम रोजाना मामले से जुड़े आठ से 10 लोगों से पूछताछ कर रही है। शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। ठाकुरता ने पीटीआई को बताया कि शहर से बाहर होने के कारण वह स्पेशल सेल के समक्ष पेश नहीं हो सके। सेल ने उन्हें 10 या 11 अक्टूबर को आने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि एफआइआर में मेरा नाम दर्ज है, क्योंकि मुझे भी पैसे मिले थे, लेकिन मेरे बैंक खाते की जांच की जा सकती है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार की आलोचना करना राष्ट्र विरोध कैसे हो जाता है? सूत्रों के अनुसार, गौतम नवलखा से पूछताछ के लिए स्पेशल सेल की एक टीम मुंबई भेजी गई है, लेकिन पूछताछ नहीं की जा सकी। नवलखा मुंबई में एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में घर में नजरबंद हैं।