गोपेश्वर। चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट बुधवार सुबह शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही बाबा रुद्रनाथ की उत्सव डोली यात्रा रात्रि विश्राम के लिए अपने पहले पड़ाव मोली खर्क पहुंच गई।
छह माह के लिए गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी डोली
20 अक्टूबर को डोली गोपेश्वर पहुंचकर अगले छह माह के लिए शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी। मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया ब्रह्ममुहूर्त में शुरू हो गई थी। पुजारी पं. जनार्द्धन तिवारी ने बाबा का अभिषेक कर सीजन की अंतिम पूजा उनके चरणों में अर्पित की। फिर बाबा की उत्सव मूर्ति को मंदिर से बाहर लाकर विधि-विधान पूर्वक कपाट बंद किए गए। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र भी मौजूद रहे।
मोली खर्क के लिए रवाना हुई बाबा की उत्सव डोली
कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव डोली पं. तिवारी की अगुआई में मोली खर्क के लिए रवाना हुई। गुरुवार को डोली गंगोल गांव और अक्टूबर को अपने शीतकालीन प्रवास स्थल पहुंचेगी। डोली यात्रा में प्रवीण रावत, अतुल राणा, जय सिंह, अमन आदि श्रद्धालुअ शामिल हैं।
20 मई को खोले गए थे रुद्रनाथ धाम के कपाट
बता दें कि रुद्रनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 20 मई को खोले गए थे। पूरे यात्रकाल में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने धाम में बाबा के दर्शन किए। रुद्रनाथ धाम की यात्रा पंचकेदार में सबसे दुर्गम मानी जाती है। यहां पहुंचने के लिए सगर गांव से 19 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। सगर की गोपेश्वर से दूरी तीन किमी है।