देवरिया। जमीन के टुकड़े को लेकर उपजे विवाद में हुई छह लोगों की हत्या की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। वहां की स्थिति जिन्होंने भी देखी, उनका कलेजा मानो फटा जा रहा था। मासूमों की स्थिति देख लोगों की भी आंखें भर आई। मां-बाप की जिंदगी के लिए आरोपितों का पैर पकड़ कर मासूम गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा, देहरी के पीछे छीपे अनमोल पर भी आरोपितों ने धारदार हथियार से हमला बोल कर घायल कर दिया।
गांव के सत्यप्रकाश दुबे की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी। बड़ी बेटी निशा की वह शादी कर चुके थे, जबकि उससे छोटी बेटी सलोनी एक निजी विद्यालय में पढ़ाती थी। बेटा पंडित देवेश उर्फ शेरा लोगों के यहां पूजा-पाठ कराने का कार्य करता है। पड़ोस के एक बालक की बातों पर गौर करें तो जब दरवाजे पर बड़ी संख्या में लोग आए तो सत्यप्रकाश दुबे व उनकी पत्नी आगे खड़ी हो गईं। बेटी सलोनी, नंदनी व बेटा गांधी व अनमोल उनके सामने हाथ जोड़ने लगे और मां-पिता को छोड़ने की बात कहने लगे।
मासूमों पर भी नहीं आई दया, लाठी-डंडे से किया हमला
अनमोल देहरी के पीछे जाकर छिप गया। हमलावरों ने सभी पर धारदार हथियार व लाठी-डंडे से हमला करना शुरू कर दिया। मासूमों पर भी उनको दया नहीं आई। आखिर इस घटना से उनका क्या लेना देना था? आखिर उन्होंने आरोपितों का क्या बिगाड़ा था? यह एक सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहा है। जब नाबालिगों का शव बाहर निकाला जाने लगा तो वहां मौजूद लोगों के साथ ही पुलिसकर्मियों की भी आंखें भर आईं।