चित्रकूट। पर्वत श्रृंखलाओं के बीच प्रकृति की गोद में मां मंदाकिनी तट स्थित जोतहरी आश्रम श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए बेहद मुफीद है , यह स्थान सती अनुसुइया आश्रम को जाने वाले मार्ग में घने जंगल के बीच मंदाकिनी नदी की गोद में बसा है, यदि सरकार स्थान को विकसित करे तो यहां पर्यटकों की आवागमन की असीम संभावनाएं हो सकती हैं। बता दें कि यह स्थान बहुत ही प्रसिद्ध और प्राकृतिक रूप से सुंदर है । यहां 2015 से अखंड श्री रामचरितमानस पाठ विश्व कल्याण की कामना को लेकर आयोजित किया जा रहा है । जोतहरी आश्रम के महाराज चतुर्भुज दास जी महाराज बताते हैं कि यह धार्मिक अनुष्ठान सिर्फ विश्व कल्याण व मानव कल्याण की कामना के लिए किया जा रहा है इसमें 30 गांव के भक्तों की ड्यूटी लगाई जाती है । सभी भक्त अपने निर्धारित दिन समय से आकर अखंड रामचरितमानस पाठ में भागीदारी करते हैं । महाराज जी के द्वारा यह बताया गया कि यह स्थान गलो ऋषि जी की तपोस्थली रही है और तभी से यहां संतों की भीड़ आकर निरंतर तपस्या कर रही है। यह जैतहरी आश्रम कई धार्मिक और सेवार्थ कार्यों में हमेशा लगा रहता है । महाराज जी के द्वारा अनेकों कार्यक्रम जैसे गौशाला भंडारा साधु सेवा संत सेवा एवं प्रकृति सेवा से संबंधित कार्यों का आयोजन हमेशा से किया जा रहा है।