चित्रकूट। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा लगातार भू-माफिया और खनिज माफिया पर बैठक के दौरान शक्ति से कार्रवाई करने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन यह निर्देश सिर्फ बड़े भू माफिया पर ही सिमट कर रह गया हैं जबकि जमीनी हकीकत यह है कि छोटे-मोटे भू-माफिया भी राजस्व की जमीन को औने-पौने दामों में बेचने पर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों को उसकी खबर तक नहीं है और यही वजह है कि लगातार क्षेत्र में भू माफिया के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं भरतकूप क्रेसर नगरी की जहां विगत कई सालों से लगातार भू-माफिया के द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर औने पौने दामों में बेचने का सिलसिला जारी है यहां तक की स्थानीय लोगों के द्वारा शिकायत करने के बाद भी राजस्व विभाग के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति कर कार्रवाई की गई है और यही वजह है कि अब भू माफिया इतने सक्रिय हो गए हैं कि उनके द्वारा ट्रस्ट की जमीन को भी अपने मन मुताबिक औने पौने दामों में बेचने का कार्य किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भरतकूप क्रेशर नगरी के पहरा रोड में क्षेत्रीय विकास समिति सेक्रेटरी बदौसा क्षेत्रीय समिति बदौसा ट्रस्ट की जमीन है जहां इन दिनों एक भूमिया के द्वारा अपने आप को ट्रस्ट का मलिक बताते हुए ट्रस्ट की जमीन को बेचने का कार्य शुरू किया गया है बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के अन्य सदस्यों को भूमाफिया के द्वारा जमीन बेचने संबंधित कोई जानकारी नहीं है ना ही उस व्यक्ति के द्वारा किसी तरह की कोई रजिस्ट्री या वैद्य दस्तावेज दिए जा रहे जिससे यह साबित हो सके कि यह जमीन संबंधित व्यक्ति की है व्यक्ति के द्वारा लोगों को कम दाम में जमीन बेचकर कब्जा कराया जा रहा है और ट्रस्ट की जमीन पर लगातार कब्जा हो रहा है जिससे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं भू माफिया के द्वारा अब ट्रस्ट की जमीन को भी बेचने का कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन ट्रस्ट के अन्य सदस्यों को ट्रस्ट की जमीन बिक रही है इसकी भनक तक नहीं है बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति के द्वारा ट्रस्ट की जमीन को औने पौने दामो में बेचा जा रहा है उस व्यक्ति के पास किसी तरह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है यहां तक की स्वयं उसके द्वारा इस ट्रस्ट की जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
ट्रस्ट की जमीन बेचने की क्या है गाइडलाइन यदि किसी भी ट्रस्ट की जमीन बेचने की बात करें तो ट्रस्ट की जमीन दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुसार, ट्रस्ट की संपत्ति को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना बेचा, गिरवी या विनिमय नहीं किया जा सकता है। सभी ट्रस्ट, चाहे सार्वजनिक हों या निजी, इस आदेश के अधीन हैं। एक निजी ट्रस्ट की स्थापना लाभार्थी, लोगों के एक विशिष्ट समूह के लाभ के लिए की जाती है। न की व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जाता है लेकिन ट्रस्ट की जमीन इन दिनों एक व्यक्ति के द्वारा अपने आप को ट्रस्ट का मालिक बताते हुए खुले आम बिक्री की जा रही है । यहां तक की ट्रस्ट की जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों को किसी तरह की कोई रजिस्ट्री दाखिल खारिज नहीं दिया जा रहा है जिसे कहीं ना कहीं भू माफिया के द्वारा सीधे-साधे लोगों को ट्रस्ट की जमीन बेचकर अवैध रूप से पैसा कमाने का यह गोरख धंधा चल रहा है जबकि स्थानीय लोगों की माने तो स्थानीय लोगों का कहना है कि जो ट्रस्ट का अध्यक्ष है। उसको यह तक पता नहीं है कि ट्रस्ट की जमीन किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा बेची जा रही है वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक ट्रस्ट की जमीन बेचकर भू माफिया के द्वारा अवैध रूप से लोगों को फसाने का काम किया जाता रहेगा या फिर ऐसे ट्रस्ट की जमीन बेचने वाले भू माफिया पर कार्रवाई होगी।