नई दिल्ली। राजनीतिक लिहाज से काफी अहम माने जाने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , राजस्थान सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का आखिरकार ऐलान हो गया है। इनमें अकेले छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो बाकी के सभी राज्यों में एक चरण में ही मतदान होंगे। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में यह चुनाव होंगे।
छत्तीसगढ़ में दो चरण में होंगे मतदान
पांच राज्यों के इस चुनाव की शुरूआत मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों और छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 सीटों से होंगी, जहां सात नवंबर को मतदान होगा, जबकि मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों और छत्तीसगढ़ की दूसरे चरण में शामिल बाकी की 40 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा।
वहीं राजस्थान की सभी दो सौ सीटों पर 23 नवंबर और तेलंगाना की सभी 119 सीटों पर 30 नवंबर को मतदान होगा। पांच राज्यों में वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले की यह आखिरी विधानसभा चुनाव है। और इसीलिए इसे सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है। फिलहाल मध्य प्रदेश भाजपा के पास है जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पास।
गौरतलब है कि 2018 के चुनाव में भाजपा के हाथ से राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्य निकल गए थे लेकिन लोकसभा में पूरा परिदृश्य बदल गया था और बड़ी संख्या में भाजपा सांसद जीते थे। चुनाव आयोग ने सोमवार को पांच राज्यों के बहुप्रतीक्षित चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान किया। साथ ही कहा कि इस ऐलान के साथ ही इन सभी राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इन राज्यों में वैसे तो पहले से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी,जो अब और सख्त हो जाएगी।
16 करोड़ से अधिक मतदाता करेंगे मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी कार्यक्रमों के ऐलान के साथ ही बताया कि इन पांचों राज्य के होने वाले विधानसभा चुनावों में 16 करोड़ से अधिक मतदाता हिस्सा लेंगे। इनमें करीब 8.2 करोड़ पुरुष और 7.8 करोड़ महिला मतदाता शामिल है।
इन पांचों राज्यों में इस बार करीब 60 लाख नए मतदाता भी हिस्सा लेंगे। जो पहली बार किसी मतदान में हिस्सा लेंगे। इनमें सबसे अधिक 5.6 करोड़ मतदाता अकेले मध्य प्रदेश के होंगे, जबकि राजस्थान के 5.25 करोड़, तेलंगाना के 3.17 करोड़, छत्तीसगढ़ के 2.03 करोड़ और मिजोरम के 8.52 लाख मतदाता हिस्सा लेंगे। इस मौके पर चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल भी मौजूद थे।
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान के साथ ही चुनावी अवधि को भी छोटा कर दिया है। पिछले चुनाव के मुकाबले यह करीब दस दिन छोटा किया गया है। वर्ष 2018 में छह अक्टूबर को चुनाव की घोषणा की गई थी, जबकि चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए गए थे।
ऐसे में यह चुनाव करीब 66 दिन चला था। वहीं चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव का ऐलान नौ अक्टूबर को किया है, जबकि नतीजे इस बार तीन दिसंबर को आ जाएंगे। ऐसे में इस बार यह चुनाव करीब 56 दिन ही चलेगा।
आयोग लंबे समय से चुनाव अवधि को छोटा करने को लेकर काम कर रहा है। आयोग का मानना है कि ज्यादा लंबी चुनावी अवधि के चलते विकास कार्यों पर असर पड़ता है, क्योंकि जब तक चुनाव चलता है तब तक सारे विकास कार्य ठप रहते है।
कब तक है किस राज्य की विधानसभा का कार्यकाल
मिजोरम- 17 दिसंबर 2023
छत्तीसगढ़- 03 जनवरी 2024
मध्य प्रदेश- 06 जनवरी 2024
राजस्थान- 14 जनवरी 2024
तेलंगाना- 16 जनवरी 2024
पांच राज्यों के एक लाख से ज्यादा मतदान केंद्र की होगी वेबकास्टिंग
चुनावी पारदर्शिता को मजबूती देने के लिए चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के होने जा रहे विधानसभा चुनावों में इस बार अधिकतर मतदान केंद्रों की वेबका¨स्टग कराने का फैसला लिया है।
इसमें इन सभी मतदान केंद्रों की चुनाव से जुड़ी गतिविधि पर सीधी नजर रखी जा सकेगी। आयोग के मुताबिक पांच राज्यों में इस बार 1.77 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान होंगे, इनमें से 1.01 लाख मतदान केंद्रों के मतदान की वेबकास्टिंग की जाएगी।
यह तेंलगाना के करीब 78 प्रतिशत बूथों पर होगी। जबकि बाकी राज्यों में यह 50 प्रतिशत से अधिक बूथों पर होगी।