नई दिल्ली। दिल्ली में दिसंबर 2023 तक ओखला लैंडफिल को खत्म करना था लेकिन निगम के सामने समस्या आई कि जिस स्थायी समिति के गठन से मंजूरी टेंडर की प्रक्रिया को पूरा किया जाना था अभी तक वह गठित ही नहीं हुई है। ऐसे में प्रशासनिक स्वीकृति लेने जैसे मामले भी लंबित पड़े हैं।
ओखला और गाजीपुर लैंडफिल से हटेगा कूड़ा
समिति के गठन में देरी होने की वजह से ओखला और गाजीपुर लैंडफिल से 30-30 लाख मीट्रिक टन कूड़े को हटाने के लिए टेंडर करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति देने के प्रस्ताव को अब सीधे सदन में लगा दिया है। मंगलवार को होने वाली सदन की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति दी जाएगी। इसके साथ ही मध्य जोन में कूड़ा उठाने के लिए कंपनी की समयावधि पूरी होने पर इसे भी एक साल के लिए बढ़ाने की मंजूरी का प्रस्ताव सदन में रखा जाएगा।
दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कूड़े के पहाड़ों को जिस योजना के तहत हम जिस गति से खत्म करने की योजना पर कार्य कर रहे थे उतनी सफलता हमें इसलिए नहीं मिली क्योंकि 30-30 लाख टन के कूड़े को हटाने के लिए जो काम हम एजेंसी को देना चाहते वह शुरू ही नहीं हो पाया।
नियमानुसार हम पहले इस प्रस्ताव की प्रशासनिक स्वीकृति स्थायी समिति के माध्यम से सदन से लेते थे। ऐसे में उच्चस्तरीय निर्णय के बाद इस स्वीकृति को हम सदन से लेने जा रहे हैं। इसके बाद अगर, स्थायी समिति के गठन की प्रक्रिया हो जाती है तो टेंडर होने के साथ रेट एंड एजेंसी पर निर्णय लेने का प्रस्ताव हम स्थायी समिति के सामने रख देंगे। इससे हमारे समय की बचत हो जाएगी।
बिजली की लाइनों को स्थानांतरित करने को सदन से ली जाएगी मंजूरी
उन्होंने बताया कि मध्य जोन के 25 वार्ड से कूड़ा उठाने के लिए जिस एजेंसी को हमने काम दे रखा था उसकी समय सीमा नंवबर में खत्म होने जा रही है। ऐसे में इसे एक साल के लिए आगे बढ़ाने का प्रस्ताव भी हम सदन के सामने रखेंगे। इसके साथ ही नरेला बवाना में कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट स्थापना में आ रहे बिजली की लाइनों को स्थानांतरित करने के कार्य की मंजूरी सदन से ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अब तक ओखला लैंडफिल से निगम को 18 लाख मीट्रिक टन कचरे को हटाना था लेकिन 12 लाख टन कचरा ही हटा पाया है। इसी प्रकार गाजीपुर लैंडफिल से 15 लाख मीट्रिक टन कूड़े को हटाने की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी। इसमें से छह लाख मीट्रिक टन कूड़े को हटाया जा सका है।
निगम ने पहले दिसंबर 2023 तक ओखला लैंडफिल को साफ करने का लक्ष्य रखा था जबकि 2024 के मध्य तक गाजीपुर और भलस्वा को खत्म किया जाना था। कार्य समय पर न पूरा होने की वजह से तीनों लैंडफिल को साफ करने की डेडलाइन अब दिसंबर 2024 कर दी है।