नई दिल्ली। शेयर बाजार में गिरावट काल दौर वापस आने और विदेशी निवेशकों द्वारा हो रही बिकवाली ने भारतीय करेंसी को सीमित कर दिया है। सोमवार 30 अक्टूबर 2023 के शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है क्योंकि विदेशी फंड की निरंतर निकासी और विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया है।
आज इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार भारतीय करेंसी डॉलर के मुकाबले 83.25 पर खुली और फिर 83.24 के शुरुआती उच्च स्तर और ग्रीनबैक के मुकाबले 83.26 के निचले स्तर को छू गई। पिछले हफ्ते शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.25 पर बंद हुआ।
डॉलर सूचकांक में ग्रीनबैक 0.03 प्रतिशत बढ़कर 106.59 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 1.23 प्रतिशत गिरकर 89.37 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा
एशियाई करेंसी थोड़ी कम हैं जबकि यूरोपीय मुद्राएं निचले स्तर पर बनी हुई हैं। इसकी वजह डॉलर सूचकांक 106.57 के करीब है, ब्रेंट ऑयल 88.43 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर है और सोना 2,000 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस को पार कर गया है।
शेयर बाजार में वापस आई गिरावट
आज बीएसई सेंसेक्स 219.53 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63,563.27 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 66.10 अंक या 0.35 प्रतिशत गिरकर 18,981.15 पर आ गया। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुक्रवार को 1,500.13 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 20 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 583.53 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 1.153 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 585.895 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।