कहीं कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने ही तो नहीं की थी ग्राम पंचायत अधिकारी राम खेलावन की हत्या…
ग्राम पंचायत अधिकारी राम खेलावन की आकस्मिक मृत्यु जनवरी 1999में हो गई थी तो फिर मार्च 2002में कैसे जारी किया गया वारिस प्रमाण पत्र
वारिस प्रमाण पत्र में दस वर्ष के नाबालिग दत्तक पुत्र ने 9वर्ष की आयु में किया हाई स्कूल
11वर्ष की आयु में इण्टर मीडियट व टाइप राइटिंग का किया कोर्स पूरा…
शिक्षा प्रमाण पत्रों में कनिष्ठ लिपिक के पिता का नाम पूरन प्रसाद तो रामखेलावन की जगह पर कैसे हुई नियुक्ति
चित्रकूट. ज़िला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी हथियाने का काम किया गया है जिसमें यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं नौकरी हथियाने के लिए सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने ही तो ग्राम पंचायत अधिकारी राम खेलावन की हत्या तो नहीं कर दी थी और फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हथिया ली थी l
ग्राम पंचायत अधिकारी राम खेलावन की हत्या के कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं कि इनकी आकस्मिक मृत्यु 25जनवरी 1999को हो गई थी लेकिन 16मार्च 2002को कार्यालय जिलाधिकारी बांदा द्वारा जारी प्रमाण पत्र में सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू को राम खिलावन का दत्तक पुत्र दिखाकर आयु 10वर्ष दर्शाई गई है l जब राम खेलावन की मृत्यु जनवरी 1999में हो गई थी तो वारिस प्रमाण पत्र मृत्यु के तीन साल बाद कैसे जारी हो गया था l
सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के शिक्षा प्रमाण पत्रों में पिता का नाम रामखेलावन नहीं बल्कि पूरन प्रसाद है वहीं जन्मतिथि 10 नवंबर 1985 है जिसमें सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने 2001में गवर्मेंट हाईस्कूल कालिंजर बांदा से हाई स्कूल किया और 2003 में गवर्मेंट आर एस स्कूल खोरा पन्ना ((म.प्र.) से इण्टर मीडियट की परीक्षा उत्तीर्ण की वहीं प्रकाश टाइप प्रशिक्षण संस्थान कर्वी चित्रकूट से टाइप राइटिंग का कोर्स पूर्ण किया जिसमें प्रशिक्षण संस्थान से जारी प्रमाण पत्र में सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी पुत्र स्व. राम खेलावन दर्शाया गया है जिसमें प्रशिक्षण 18अप्रैल 2003 से 20 अक्टूबर 2003तक दर्शाया गया है और 20अक्टूबर 2003को ही प्रमाण पत्र जारी किया गया था l
कार्यालय जिलाधिकारी बांदा वारिस प्रमाण पत्र संख्या 1416दिनांक 16मार्च 2002को जारी वारिस प्रमाण पत्र के अनुसार सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू की उम्र 10वर्ष थी तो 9वर्ष की आयु में हाई स्कूल व 11वर्ष की आयु में सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने इंटर मीडियट की परीक्षा कैसे उत्तीर्ण कर ली l
कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने 23अप्रैल 2005में ज़िला पंचायत राज अधिकारी चित्रकूट को दिए गए पत्र में बताया कि मेरे दत्तक पिता स्व. रामखेलावन चतुर्वेदी आपके विभाग में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर नियुक्त थे जिनका आकस्मिक निधन 25जनवरी 1999को हो गया है जिनका वारिस होने के चलते सेवा में लेने का प्राविधान है जिसमें सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने ज़िला पंचायत राज अधिकारी से नियुक्ति देने की मांग की थी जिसमें गोदनामा प्रतिलिपि, हाई स्कूल अंक पत्र प्रतिलिपि, हाई स्कूल प्रमाण पत्र प्रतिलिपि, इण्टर प्रमाण पत्र प्रतिलिपि, वारिस प्रमाण पत्र प्रतिलिपि व टंकण प्रमाण पत्र प्रतिलिपि को संलग्न किया गया था l वहीं F.R.FORM NO.13के अनुसार कनिष्ठ लिपिक का नाम सुरेन्द्र कुमार चतुर्वेदी पिता का नाम स्व.रामखेलावन चतुर्वेदी जन्मतिथि दस नवंबर उन्नीस सौ पच्चासी,लंबाई पांच फुट दो इंच, वैयक्तिक पहचान बाएं जांघ में तिल ,जाति ब्राह्मण व निवास स्थान ग्राम/पोस्ट कटरा कालिंजर बांदा (उत्तर प्रदेश) दर्शाया गया था जिसमें 13अक्टूबर 2005 को अभिप्रमाणन अधिकारी ज़िला पंचायत राज अधिकारी के हस्ताक्षर भी हुए थे l
कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के फर्जी प्रमाण पत्रों द्वारा की जा रही नौकरी के संबंध में कई शिकायतें भी हुई थी जिसमें खण्ड विकास अधिकारी कर्वी राधेश्याम वर्मा द्वारा की गई थी व अपने कार्यालय के पत्रांक 473 दिनांक 16जून 2016 को उप जिलाधिकारी कर्वी को रिपोर्ट आख्या प्रेषित की गई थी जिसमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई थी खण्ड विकास अधिकारी द्वारा उप जिलाधिकारी कर्वी को भेजी गई रिपोर्ट आख्या के लगभग सात वर्ष बीत जाने के बाद भी कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिसमें ज़िम्मेदार अधिकारियों की भूमिका गैर जिम्मेदाराना नजर आ रही है l
कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू द्वारा मृतक आश्रित के नाम पर नौकरी हथियाने के लिए हर हथकंडे अपनाए गए हैं जिससे यह साफ़ प्रतीत होने लगा है कि कहीं कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू ने ही तो नौकरी हथियाने के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी राम खेलावन की हत्या कर दी और आकस्मिक मृत्यु दिखाकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए थे और नौकरी हथियाई थी l
फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने वाले कनिष्ठ लिपिक सुरेंद्र कुमार चतुर्वेदी उर्फ़ कल्लू के दस्तावेजों की जॉच अगर सही तरीके से कराई जाय तो फर्जी गोदनामें, फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्रों व ग्राम पंचायत अधिकारी राम खेलावन की आकस्मिक मृत्यु के राज से पर्दा उठ सकता है