लखनऊ। योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी की अदला-बदली की व्यवस्था से युक्त चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का विकास सार्वजनिक निजी सहभागिता मॉडल पर किया जाएगा।
उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने यमुना, आगरा-लखनऊ, बुंदेलखंड, पूर्वांचल व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर चार्जिंग स्टेशन के विकास के लिए इच्छुक आवेदकों से ई-टेंडर पोर्टल के जरिये आवेदन मांगे हैं। चार्जिंग स्टेशन के विकास के लिए यूपीडा चयनित आवेदनकर्ताओं को मामूली लीज राशि पर 10 वर्षों के लिए जमीन देगा।
ई-टेंडर पोर्टल पर 11 नवंबर से आवेदन
यूपीडा की ओर से ई-टेंडर पोर्टल पर जारी की गई निविदा के अनुसार इच्छुक आवेदक 11 नवंबर से आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे और 28 नवंबर इसकी अंतिम तारीख होगी। 29 नवंबर को निविदा खुलेगी। इसके लिए टेंडर फीस 5900 रुपये रखी गई है जबकि अर्नेस्ट मनी डिपाजिट की राशि पांच लाख रुपये है। इस निविदा के जरिए चार्ज प्वाइंट आपरेटर का चयन होगा जो पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का विकास करेगा और यूपीडा उसे भूमि आवंटन समेत तमाम सहूलियतें देगा। यूपीडा चार्ज प्वाइंट आपरेटर को चार्जिंग स्टेशन के विकास के लिए वित्तीय सहायता भी देगा।
योगी सरकार की प्राथमिकता में है शामिल
योगी सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 2000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाए। इनमें से नगर निगमों वाले शहरों में 1300, राम मंदिर, ताज महल जैसी हेरिटेज साइट्स में 100, मथुरा-वृंदावन व वाराणसी-अयोध्या जैसे पर्यटन केंद्रों में 200 और प्रदेश के राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर कुल 400 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रही है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में वर्ष 2022 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैनुफैक्चरिंग व मोबिलिटी पालिसी लागू की गई थी। अनुमान है कि 2023 तक भारत में 10.2 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। इन्हें संचालित करने के लिए शहरों में हर तीन किमी पर, हाइवे पर हर 25 किमी पर तथा हेवी ड्यूटी व्हीकल्स वाली रोड पर 100 किमी पर पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना में प्रयास किए जा रहे हैं।